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📍 हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित, ज्वाला जी मंदिर भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर अपने स्वयं प्रकट होती हुई अग्नि ज्वालाओं के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें देवी माँ का रूप माना जाता है।
🕉️ धार्मिक और पौराणिक महत्त्व
मान्यता है कि जब माता सती का जीभ गिरा था, वहाँ यह ज्वाला प्रकट हुई थी।
यहाँ बिना तेल-बाती के स्वयं जलती हुई 9 ज्योतियाँ माँ के 9 रूपों का प्रतीक हैं 🔥🪔
इसे शक्ति की अग्नि मूर्ति कहा जाता है — जहाँ पूजा नहीं, सिर्फ श्रद्धा और विश्वास चलता है।
🛕 मुख्य आकर्षण
मुख्य गर्भगृह में प्राकृतिक ज्वालाएँ, जो सैकड़ों वर्षों से लगातार जल रही हैं 🔥
माँ की 9 ज्योतियाँ – महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, बाला सुंदरी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका और अंजी देवी।
ज्वालामुखी देवी का विशाल प्रवेश द्वार और मंदिर परिसर की पहाड़ी वास्तुकला ⛰️
🙏 भक्ति अनुभव
यहाँ हर रोज़ आरती चार बार होती है: सुबह, दोपहर, शाम और रात्रि 🌅🌃
नवरात्रों में लाखों भक्त यहाँ दर्शन हेतु आते हैं।
देवी माँ की भव्य आरती, ढोल-नगाड़ों की ध्वनि, और भक्तों की श्रद्धा माहौल को दिव्यता से भर देती है 🥁🔔
🧭 आसपास के दर्शनीय स्थल
नगरकोट का कांगड़ा किला
बगलामुखी देवी मंदिर, चिंतपूर्णी देवी मंदिर, और चामुंडा देवी मंदिर – पास के अन्य शक्ति पीठ
धौलाधार पर्वत श्रृंखला का सुंदर दृश्य 🌄
🍲 स्थानीय अनुभव
मंदिर के समीप प्रसाद, लोक हस्तशिल्प और पूजा सामग्री की दुकानें
गरमागरम राजमा–चावल, छोलपुरी, और हिमाचली मिठाइयाँ यात्रियों को स्वाद और तृप्ति देती हैं 🍛🍬
🔖 खास बातें:
✔️ भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक
✔️ अग्नि के रूप में माँ के चमत्कारी दर्शन
✔️ हर आयु और वर्ग के श्रद्धालुओं के लिए
✔️ आध्यात्मिक और रहस्यमयी ऊर्जा से भरपूर
📸 फोटोग्राफी हाइलाइट्स:
गर्भगृह में जलती हुई ज्योतियों की झलक 🔥
मंदिर की पहाड़ी पृष्ठभूमि और धूप के समय का दृश्य 🌞
आरती के समय मंदिर प्रांगण की रौनक और भक्तों की भीड़ 🙏📸