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📍 उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित, समुद्र तल से लगभग 11,755 फीट (3,583 मीटर) की ऊँचाई पर बसा केदारनाथ धाम भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह चारधाम यात्रा और पंचकेदार का भी हिस्सा है।
🔱 धार्मिक महत्त्व और इतिहास
यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जहाँ पांडवों ने भगवान शिव की तपस्या की थी।
केदारनाथ मंदिर को आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा पुनर्स्थापित किया गया था।
यहाँ शिव की केदार रूप में पीठ (पृष्ठ भाग) की पूजा होती है।
🏔️ हिमालय की गोद में शिवधाम
मंदिर के पीछे फैली मंदाकिनी नदी और बर्फ से ढकी केदार डोम, चौखंबा, और भागीरथी श्रृंखला की चोटियाँ एक अद्भुत दृश्य बनाती हैं।
चारों ओर का निस्तब्ध वातावरण, ठंडी हवाएँ, और गूंजती घंटियाँ – आत्मा को गहराई तक छू जाती हैं।
🚶♂️ पहुंचने का रोमांचक मार्ग
केदारनाथ तक पहुँचने के लिए यात्री को गौरीकुंड से लगभग 16-18 किमी की ट्रेक यात्रा करनी होती है।
विकल्प में अब घोड़ा, पालकी, कंडी, या हेली सेवा भी उपलब्ध है 🚁
यह यात्रा शारीरिक चुनौती और आध्यात्मिक अनुभव दोनों से भरपूर होती है।
🏕️ ठहराव और सुविधाएँ
मंदिर परिसर के पास धर्मशालाएं, लॉज और टेंट कैम्पिंग की सुविधा उपलब्ध है।
सरकारी और निजी दोनों व्यवस्थाएं हैं – परंतु पूर्व बुकिंग की सलाह दी जाती है।
🔖 खास बातें:
✔️ द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल
✔️ पंचकेदार का प्रमुख धाम
✔️ ट्रेकिंग, दर्शन और ध्यान का समग्र अनुभव
✔️ यात्रा अवधि: मई से नवंबर तक (बाकी समय बर्फ़बारी में मंदिर बंद रहता है)
📸 फोटोग्राफी हाइलाइट्स:
मंदिर के पीछे बर्फीली चोटियाँ और साफ नीला आकाश ❄️🏔️
भक्तों की आस्था में डूबी लंबी कतारें 🙏
मंदाकिनी नदी किनारे का शांत परिदृश्य 🌊
सूर्य की पहली किरणों में चमकता मंदिर परिसर 🌅