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📍 हिमाचल प्रदेश में स्थित कुल्लू एक सुंदर पर्वतीय नगर है, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक महत्त्व और लोक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसे अक्सर “देवभूमि” और “देवताओं की घाटी” कहा जाता है।
🌄 प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना
कुल्लू की घाटियाँ बर्फ से ढके पर्वतों, देवदार के जंगलों और बहती हुई ब्यास नदी से सजी होती हैं।
यहाँ की हवा में ताजगी और शांत वातावरण आत्मा को सुकून देता है 🌬️🌲
🛕 धार्मिक स्थल और आस्था का केंद्र
रघुनाथ मंदिर – कुल्लू के राजा द्वारा बनवाया गया भगवान राम का प्रसिद्ध मंदिर 🙏
बिजली महादेव मंदिर – ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर, जहाँ बिजली गिरने की मान्यता है ⚡🔱
कुल्लू के गाँव-गाँव में देवी-देवताओं के मंदिर, जिनमें स्थानीय संस्कृति और भक्ति झलकती है।
🎉 लोक संस्कृति और उत्सव
कुल्लू दशहरा भारत के सबसे प्रसिद्ध मेलों में से एक है, जिसमें सैकड़ों देवी-देवताओं की शोभा यात्रा निकलती है।
यहाँ के लोक नृत्य, वाद्ययंत्र और परंपराएँ पर्यटन का मुख्य आकर्षण हैं 🥁💃
🧭 यात्रा और रोमांच
कुल्लू से मनाली, रोहतांग पास, सोलंग घाटी, नग्गर, और मणिकरण जैसे प्रसिद्ध स्थान आसानी से पहुँचे जा सकते हैं 🚐
ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों के लिए भी कुल्लू प्रसिद्ध है 🚣♀️🪂
🍵 स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प
गर्मागर्म राजमा–चावल, सिद्धु, और कुल्लूनी मछली स्वाद का अनोखा अनुभव देती है 🍛
कुल्लू की ऊनी शॉलें, टोपी, और हस्तनिर्मित लकड़ी के शिल्प पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं 🧣🪵
🔖 खास बातें:
✔️ हिमालय की गोद में बसा धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र
✔️ दशहरा मेले के लिए विश्वविख्यात
✔️ प्राकृतिक प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल
✔️ हिमाचल संस्कृति का जीवंत अनुभव
📸 फोटोग्राफी हाइलाइट्स:
ब्यास नदी के किनारे सुबह का नज़ारा 🌅
बिजली महादेव मंदिर से घाटी का विहंगम दृश्य 🏞️
दशहरे की रंग-बिरंगी शोभा यात्रा 🎊
बर्फ से ढके पहाड़ और देवदार के जंगल 🌲❄️